यदि माता-पिता नहीं पाल पा रहे बच्चों को, तो इन्हे त्यागें नहीं ‘‘पालना’’ घर में दें
कलेक्टर श्री प्रसाद की अपील जिले का हर बच्चा अनमोल है, त्यागें नहीं, परवरिश के लिए बालगृह को सौपें
कटनी:-कलेक्टर अवि प्रसाद ने उन नवजात शिशुओं के माता- पिता से बड़ी ही मार्मिक और संवेदनशील अपील करते हुए कहा है कि यदि वे बच्चे को पालने में खुद को असमर्थ या अक्षम महसूस कर रहे हैं तो उन्हें त्यागें नहीं और ना ही यहॉ- वहॉ सार्वजनिक स्थलों में छोडें। बल्कि उन्हें बाल देख रेख संस्थानों पालना गृह को सौंपे। ताकि बच्चों के जीवन को कोई खतरा न हो। श्री प्रसाद ने कहा कि बच्चों को पालना मे छोड़ने वालो की पहचान गुप्त रखी जायेगी।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने कहा कि कुछ मामलों में यह देखने में आया है, कि, नवजात शिशुओं को जन्म के बाद परिजनों द्वारा विभिन्न कारणों से परित्यक्त कर दिया जाता है अथवा सार्वजनिक स्थानों में छोड़ दिया जाता है। ऐसी अवस्था में बच्चों को छोड़ने से बच्चों की स्थिति अत्यंत गंभीर हो जाती है और बच्चों की जान पर भी बन आने तक की नौबत आ जाती है।
पहचान गोपनीय रखी जायेगी
ऐसे अनाथ एवं परित्यक्त बच्चों को प्राप्त करने, संरक्षण प्रदान करने एवं उन्हें परिवार में स्थापित करने के उद्देश्य से नियम अनुसार उनको दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया से जोड़ने हेतु, जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित बाल देखरेख संस्थानों में “पालना“ की स्थापना की गई है। जो की बाल देख-रेख संस्थाओं के मुख्य द्वार पर स्थापित है। कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान को गुप्त रखते हुए इन पालना में बच्चों को सुपुर्द कर सकता है।
यहां है नन्हों के लिए पालनें
जिले में चार स्थानों क्रमशः किलकारी शिशु गृह, दद्दा धाम, कटनी, आशा किरण बालगृह जिला जेल के पीछे, झिंझरी कटनी, आसरा बाल गृह शुभ मोटर्स के पीछे, झिंझरी, कटनी तथा लिटिल स्टार फाउंडेशन बालिका गृह हिरवारा कटनी में, इन 4 स्थानों में बच्चों को प्राप्त करने हेतु पालना की स्थापना की गई है। अनाथ या परित्यक्त बच्चा प्राप्त होने पर चाइल्ड हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1098, निकटतम पुलिस थाना या महिला एवं बाल विकास कार्यालय जिला कटनी या बाल कल्याण समिति, राय कॉलोनी, गली नंबर 2, जिला कटनी में संपर्क किया जा सकता है। सूचना देने वालों की भी पहचान पूर्णतया गोपनीय रखी जाएगी।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने लोगों से आग्रह किया है कि हम सब मिलकर कटनी को बच्चों के लिए अधिक सुरक्षित बनाने में अपने कर्तव्य का निर्वहन करें, जिससे हर बच्चे को एक बेहतर और सुखद भविष्य मिल सके। जिले का “हर बच्चा अनमोल है, इन्हें त्यागे नहीं, बल्कि पालना पहुॅचायें।