राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय सम्मान समारोह कार्यक्रम संपन्न।
कटनी:-राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन कलेक्टर अवि प्रसाद के मुख्य आतिथ्य में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर अवि प्रसाद ने अपने उद्बोधन में बालिकाओं को अपनी रूचि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने प्रेरित किया। कलेक्टर श्री प्रसाद ने कहा कि आज बालिकाएं प्रत्येक क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है। बालिकाएं कड़ी मेहनत कर आत्मनिर्भर बनें एवं इस हेतु जिला प्रशासन कटनी एवं महिला एवं बाल विकास विभाग कटनी उनकी हर संभव सहायता करेगा। उन्होनें विभिन्न क्षेत्रों में सफल बालिकाओं एवं उनके अभिभावकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बालिकाओं की उपलब्धि की सराहना हेतु प्रत्येक दिवस को बालिका दिवस के रूप में मनाना चाहिए। इस दौरान कलेक्टर अवि प्रसाद, द्वारा शिक्षा, खेल एवं अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाली बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास नयन सिंह द्वारा बाल लिंगानुपात, लैंगिक समानता एवं बालिकाओं को शिक्षा के अवसर प्रदान करने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।वनश्री कुर्वेती सहायक संचालक, मनीष तिवारी संरक्षण अधिकारी एवं अनुपमा आटे, प्रभारी परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास कटनी द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, वन स्टॉप सेन्टर, चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 एवं महिला हेल्प लाईन 181 के बारे में जानकारी दी गई।पूजा द्ववेदी, जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग, जिला-कटनी एवं विजय भार ,जिला खेल अधिकारी, जिला कटनी द्वारा उपस्थित बालिकाओं को राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें आत्म निर्भर बनने की प्रेरणा दी गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बालिकाओं उनके अभिभावकों एवं विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति रही।
उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश अनुसार प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का उद्देश्य है कि बालिकाओं को भी बालकों के समान शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं विकास के समान अवसर उपलब्ध हों, समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक वातावरण का निर्माण हो एवं बालिकाओं से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता लायी जा सके।