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 एनेमिक गर्भवती की जान बचाने आगे आया प्रशासन

एनेमिक गर्भवती की जान बचाने आगे आया प्रशासन

गर्भवती का हीमोग्लोबिन 4.7 होने के बाद भी अंधविश्वास और नीम-हकीम के चक्कर में पड़े स्वजन जिला चिकित्सालय में उपचार कराने नहीं हो रहे थे तैयार

अधिकारियों, आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ता की निरंतर समझाइश के बाद अंततः स्वजन जिला चिकित्सालय आने हुए राजी

जिला चिकित्सालय में शुरू हुआ गर्भवती का इलाज, चढ़ाया जा रहा खून

कटनी (23 दिसंबर) - कलेक्टर श्री अवि प्रसाद द्वारा प्रसव के रेफरल मामलों की नियमित समीक्षा और निगरानी की वजह से संवेदनशील और जनोन्मुखी प्रशासन की सक्रियता और तत्परता से ढीमरखेड़ा क्षेत्र की गंभीर एनेमिक गर्भवती महिला को समय पर उपचार मिल सका। यहां बात हो रही है ढीमरखेड़ा क्षेत्र के ग्राम पहरूआ की रक्ताल्पता से जूझ रही 8 माह की गर्भवती महिला की।जिसकी जान बचाने कलेक्टर के निर्देशन में एसडीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों  और चिकित्सकों ने गर्भवती के स्वजनों को समझा -बुझाकर जिला चिकित्सालय भेंजकर  खून चढ़ाने और बेहतर इलाज होने की समझाइश देने में एड़ी -चोटी का जोर लगा दिया। अंततः अधिकारी स्वजनों को समझाने में सफल रहे और फिर गर्भवती को 108 एम्बुलेंस की सुविधा मुहैया कराई गई ,जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया ,जहां अब उनकी सभी जांचें कर जिला चिकित्सालय के प्रसूति वार्ड में खून चढ़ाया जा रहा है।

             दरअसल पर स्वजन अंधविश्वास,परंपरा और स्थानीय नीम हकीमों के चंगुल में कुछ इस तरह फंसे थे कि वे इनकी बातों पर  हमेशा आंख मूंदकर भरोसा करते रहे, की सब कुछ ठीक और सामान्य है, पर अंततः स्थिति यह हो गई कि 24वर्षीय गर्भवती महिला का हीमोग्लोबिन कम होकर 4.7 हो गया।

 विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ बी के प्रसाद ने बताया कि कम हीमोग्लोबिन की वजह से गर्भवती महिला काफी कमजोर हो गई थी और पैरों में सूजन भी आ गई थी।

         बेहद दिलचस्प बात यह रही कि पिछले दो माह से लगातार आशा कार्यकर्ता उर्मिला पांडेय द्वारा गर्भवती महिला के घर जाकर गर्भावस्था में खुद की देखभाल, ख़ानपान और आयरन गोली दवाओं के सेवन और नियमित तौर पर जांच करवाने की समझाइश को शाय़द अंधविश्वास के चलते नजरंदाज किया जा रहा था। लेकिन हालत बिगड़ने पर जब डाक्टर प्रसाद ने जिला चिकित्सालय रेफर करने की बात कही तो, परिवारजन माननें तैयार ही नहीं हो रहे थे। ऐसे में डाक्टर प्रसाद ने एस डी एम ढीमरखेड़ा श्रीमती विंकी सिंहमारे उइके को वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी दी। इस पर एसडीएम ने तत्काल समझाइश देने मौके पर तहसीलदार अजय मिश्रा और परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास आरती यादव को भेजा। काफी मेहनत मशक्कत के बाद अधिकारी गर्भवती महिला के पति को जिला चिकित्सालय में बेहतर उपचार होने का यकीन दिलाया और स्वजन सहमत हो गए।

    गर्भवती महिला के दो जीवित बच्चें हैं और यह उनका चौथा प्रसव है। इस पूरे मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रभा पांडेय, लता क्षत्रिय, सुनीता ठाकुर और एएनएम अनीता साहू सहित आशा सहयोगिनी उत्तरा पांडेय की भूमिका सराहनीय रही।


चीफ एडिटर:-अज्जू सोनी

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