माता शबरी की मूर्ति स्थापना संतों एवं ग्रामीणों के सहयोग से पंचमी को संपन्न होगी
ढीमरखेड़ा:-तहसील क्षेत्र के ग्रामपंचायत बम्हनी के महावीर मंदिर के सामने वाली पहाड़ी पर पूर्वजों द्वारा माता शबरी का शिलालेख चबूतरा बनाकर रखा गया था। पूर्व कल से कुदवारी गांव के आदिवासी बुजुर्ग बताते हैं कि, यहां पर पहले आदिवासियों की शादी विवाह की हुआ करते थे।
ज्ञात हो कि 3 वर्ष पहले ग्राम पंचायत बम्हनी के पूर्व जनपद सदस्य भारत लाल यादव ने अपने फंड से राशि देकर उक्त पहाड़ी में स्थित सबरी माता के स्थान पर चबूतरा एवं छतरी का निर्माण कार्य कराया था।बहुत दिनों से कुदवारी गांव के ग्रामीणों की आस्था थी कि, यहां पर पूर्वजों द्वारा जो मूर्ति आकार की पत्थर की सिला को हटाकर वहां पर शबरी माता की मूर्ति स्थापित की जाय।
आपको बता दें की 20 वर्ष पहले गुबरा वाले दादा जो की ग्राम बम्हनी में स्थित महावीर आश्रम में निवास रत हैं।उन्होंने शबरी आश्रम के लिए सीढ़ियां बनाने की पहल की थी,लगभग आधी सीढ़ियां बन चुकी हैं, संत जी ने बताया कि हमने पहल कर दी है और आगे जो भी सहयोग बनेगा हम करेंगे।सभी ग्रामीण जन मिलकर शबरी माता की मूर्ति स्थापित करें।
जैसे कि हम सभी जानते हैं हमारे धार्मिक ग्रंथ एवं रामायण में उल्लेख किया गया है की,शबरी माता ने भगवान श्री राम लक्ष्मण माता सीता के हरण हो जाने के बाद, वन वन भटक रहे थे तभी भटकते हुए माता सबरी के आश्रम पहुंचे तो माता ने प्रभु श्री राम के आगमन पर स्वागत के लिए बेर लेकर आयीं, बेर खट्टी ना हो,उन्होंने चख कर मीठे-मीठे बेर भगवान श्री रामचंद्र जी को खिलाए थे।
शबरी माता की मूर्ति की स्थापना को लेकर समस्त ग्रामीण जनों में अपार खुशी है, पूरे क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है, अभी तक अपने क्षेत्र में कहीं भी शबरी माता का आश्रम नहीं है, संत गुबरा वाले दादा,संत गुड्डा महाराज, भक्ति तिवारी,समाजसेवी राकेश यादव,रामनाथ आदिवासी,मुन्ना आदिवासी, चौकड़ी,अज्जू, नंदी, छोटू, विनोद, कमलेश, मौजीलाल, भूरा, सहित सभी लोगों ने हर्ष व्यक्त किया है।
चीफ एडिटर:-अज्जू सोनी