पूर्व मंत्री व विधायक मोती कश्यप भाजपा से हुए बागी,बड़वारा विधानसभा से लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव।
कटनी:-पूर्व मंत्री व विधायक मोती कश्यप क्षेत्र के अंदर जनप्रतिनिधियो में वो नाम हैं जो क्षेत्र में विकास के नाम पर ढीमरखेड़ा क्षेत्र को चमकाया है। किसी भी वर्ग या धर्म का व्यक्ति हों उसके लिए समर्पित होकर कार्य करना ये श्री कश्यप की कार्यशैली है। जिस क्षेत्र में सड़को की उम्मीद नहीं थी वहां सड़को का निर्माण कराया। गरीबों के लिए कुछ ऐसा कार्य किया कि उनको प्यार से लोग दादा कहने लगे। श्री कश्यप ने बताया कि, जनता मेरे लिए सर्वोपरी हैं जनता की सेवा के लिए में हमेशा तत्पर रहता हूं। मेरी धारणा यह रहती है कि जनता ने मुझे अपना जनमत देकर अपना प्रतिनिधी चुना है तो उनकी समस्या मेरी समस्या है।
एक तहसील में तीन - तीन कॉलेज की दिया सौगात
जहां तहसील क्षेत्र में एक भी कॉलेज नहीं है वही मोती कश्यप ने ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में तीन - तीन कॉलेज की सौगात दिया। हमारे बच्चे कहीं और पढ़ने ना जाए इसको ध्यान में रखते हुए श्री कश्यप ने अलग - अलग जगहों पर कॉलेज का निर्माण कराया। यह ढीमरखेड़ा क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि हैं। बच्चे अपना गांव और क्षेत्र छोड़कर जाते है तो माता - पिता के मन में ऊहापोह जैसी स्थिति बनी रहती हैं। इन्ही सब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय का उपहार क्षेत्र को दिया। किसी भी क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहे उच्च शिक्षा प्राप्त कर बड़े से बड़े पद में पदस्थ हों जिसके कारण क्षेत्र का नाम रोशन हों। क्षेत्र का नाम रोशन होने से माता - पिता के साथ जनप्रतिनिधियों को गर्व की अनुभूति होती हैं। शिक्षा वो गुण हैं जो जितना ज्यादा ग्रहण करेगा वो उतना शिक्षा के क्षेत्र में ललकारेगा।
जनता के बीच में लोकप्रिय छवि ने बनाया मंत्री
जैसा कि आप सबको विदित है कि श्री कश्यप कोई बड़े घर से ताल्लुक नहीं रखते वरन एक छोटे से घर और परिवार के सदस्य हैं लेकिन लगातार जनता का प्यार और समर्थन मंत्री के पद की गरिमा तक ले गया। बहरहाल 1961 में भारतीय जनसंघ में प्रवेश हुआ और 1962 से केंद्र शासन की सेवा में कार्य, त्यागपत्र उपरांत 1969 में एक बार फिर जनसंघ में शामिल हुए एवं 1970 - 72 में मंडल मंत्री, 1973 - 78 में नगर निगम जबलपुर के पार्षद एवं उप सचेतक 1970 - 76 में दो बार मध्य प्रदेश जल क्षेत्रीय समाज सेवा संघ में प्रदेश उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए, आपातकाल में मीसा में निरुद्ध 1976 - 89 में मांझी आदिवासी महासंघ मध्य प्रदेश के संस्थापक एवं पांच बार अध्यक्ष नियुक्त हुए,1977 - 78 में जनता युवा मोर्चा जबलपुर के जिला महामंत्री 1979 - 80 में जनता युवा मोर्चा जबलपुर के जिला अध्यक्ष एवं प्रदेश कार्य समिति के सदस्य जनाधिकार परिषद के प्रादेशिक मंत्री 1980 - 85 में दो बार भा. ज. पा. जिला जबलपुर शहर के मंत्री एवं 1985 - 87 में महामंत्री तथा 1987- 90 में महामंत्री संगठन 1989 - 95 में भा. ज. पा. के मांझी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष तथा प्रदेश कार्य समिति एवं राष्ट्रीय परिषद के सदस्य भा. ज. पा. प्रदेश कार्य समिति के सदस्य 1990 में नौवीं एवं 1993 में दसवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित, विधानसभा की अ. जा. अ. ज. जा. एवं पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति लोक लेखा समिति के सदस्य तथा पुस्तकालय समिति के सभापति रहे, शासन की मछलीपालन संबंधी एवं अ. ज. जा. मंत्रणा समिति के सदस्य 14 जून 1992 को जबलपुर में तीन लाख मांझी की रैली का नेतृत्व किया,1998 से 2002 तक शासन की मांझी एवं मझवार के समान अन्य जातियों ढीमर, केवट, कहार, भोई, मल्लाह, निषाद, कीर आदि को अ. ज. जाति घोषित करने संबंधी समिति के सदस्य फरवरी 2002 से अब तक मांझी आदिवासी संघर्ष मोर्चा मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष 1965 में आराध्य उपन्यास का प्रकाशन एवं अनेक अप्रकाशित सन् 2003 में बारहवी विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए, एवं राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार मछली पालन रहे, सन् 2008 से 2018 तक बड़वारा विधान सभा सदस्य निर्वाचित रहे।
चीफ एडिटर:-अज्जू सोनी