नेताओं के दबाव के कारण घुघरा की जांच पड़ी सस्ते - बस्ते में, जांच ना होने के कारण सरपंच पति प्रहलाद सोनी के हौसले बुलंद, अधिकारियों को दे रहा चुनौती।

नेताओं के दबाव के कारण घुघरा की जांच पड़ी सस्ते - बस्ते में, जांच ना होने के कारण सरपंच पति प्रहलाद सोनी के हौसले बुलंद, अधिकारियों को दे रहा चुनौती

ढीमरखेड़ा | सरकार के द्वारा लाख प्रयास करने के बाद भी भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा हैं जो भी योजना आती हैं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं लिहाज़ा यहीं कारनामा घुघरा में हुआ हैं। इन निर्माण कार्यों की अगर जांच तलब हों जाए तो कई कारनामों से पर्दा उठेगा नाला तट शुद्धिकरण निर्माण कार्य श्मशान घाट के पास टोपी, नाला तट शुद्धिकरण निर्माण कार्य कौही नाला रामपुर, स्टॉप डेम निर्माण कार्य फुटहा नाला घुघरा एप्रोच एम सुदूर सड़क जगन्नाथ यादव के घर से प्राथमिक शाला घुघरा तक सुदूर सड़क, नाडेप निर्माण कार्य दिश हाई दाई के पास टोपी, सोकपिट निर्माण कार्य स्कूल के पास रामपुर, सोकपिट निर्माण कार्य प्रहलाद के घर के पास टोपी, सोकपिट निर्माण कार्य खेरमाता के सामने इनकी जांच तलब होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचार खुलकर सामने निकलकर आएगा।

         फर्जी दुकानदारों के लग रहे बिल

इस संबंध में शिक़ायतकर्ताओ ने बताया कि सचिव के द्वारा अपनी जान, पहचान के दुकानदारों के यहां से बिल लगाए जा रहे हैं, कई ऐसे दुकान वाले भी हैं जिनका उक्त व्यवसाय से कोई लेना देना नहीं हैं। दुकानदारों के द्वारा अपने खाते नम्बर लगाकर राशि आहरित कर ली जाती हैं बाद में उक्त राशि का बंदरबांट कर लिया जाता हैं।सचिव सुरेश चंद काछी के द्वारा फर्जी बिल वाउचर लगाकर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार कर अपनी जेब भर रहे हैं। ग्राम पंचायत में मूलभूत समस्याओं की ओर ध्यान ना देकर, लाखों का वारा न्यारा कर रहे हैं। लेकिन अभी तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाले अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है। ग्राम पंचायत घुघरा में यह बात देखने को मिल रही है कि गिट्टी, रेत, सीमेंट के भुगतान में लाखों रुपए आहरण कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है।

बिलों में हो रही लाखों की हेरा फेरी, जिम्मेदार है मौन

 ग्राम पंचायत घुघरा में लगने वाले बिलों में लाखों रुपए की हेरा - फेरी की जा रही है परंतु जिला पंचायत को इसकी कोई जानकारी नहीं है , जिला पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी ग्राम पंचायतों में सिर्फ नाम मात्र की जांच का हवाला देकर चुप्पी साध लेते हैं।

ग्रामीण विकास मंत्रालय से आनी चाहिए जांच, तभी कारनामों से उठेगा पर्दा

ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के तहत अकुशल मजदूरों को मनरेगा और नरेगा में श्रमिको को रोज़गार दिया जाता हैं, बहरहाल सचिव सुरेश चंद काछी के द्वारा पूर्व में मनरेगा में फर्जी हाजरी लगाई गई थी ऐसा सूत्रों के द्वारा बताया गया जिसकी शिकायत ग्रामीण विकास मंत्रालय में की गई है और बहुत जल्द इनके ऊपर कार्यवाही की तलवार लटकेगी। जहां अकुशल मजदूरों के रोज़गार का साधन हैं नरेगा और मनरेगा योजना वही सचिव सुरेश चंद काछी जैसे ज़िम्मेदार फर्जी हाजरी लगाकर खुद को और अपने निजी संबंधियों को लाभ पहुंचा रहे थे जो कि इस तरह की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में हैं। 

जिला पंचायत सीईओ नहीं संभागायुक्त करे जांच

अब इनके कारनामों की गाथा जिला पंचायत सीईओ नहीं बल्कि संभागायुक्त जांच तलब करके खुद जांच करे तो कई कारनामों से पर्दा उठेगा। क्यूंकि जनता की सेवा के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सचिव की नियुक्ति होती हैं। प्रशिक्षण में इनको जनता की सेवा और कार्य - कौशल के विषय में दक्ष किया जाता हैं लेकिन योजना में भ्रष्टाचार की मुहर कार्य करने नहीं देती हैं। योजना में अनियमितता को लेकर अलग से कर्मचारी की नियुक्ति कर ली जाती हैं ताकि लोकायुक्त में फस ना सकें। इनके कार्यकाल की जांच उच्च - स्तरीय अधिकारी संभागायुक्त जांच तलब करे तो कई कारनामों से पर्दा उठेगा। घुघरा में जो भी निर्माण कार्य हुए हैं उनकी जांच तलब करके सरपंच पति प्रहलाद सोनी और सुरेश चंद काछी के कारनामों को उजागर किया जाए ताकि ग्रामीण जनता को न्याय मिल सकें।


              चीफ एडिटर:-अज्जू सोनी

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